tag:blogger.com,1999:blog-20993484246962244102023-11-15T05:38:14.820-08:00hum tumज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-87654750845916993282014-06-11T03:12:00.003-07:002014-06-11T03:12:19.824-07:00नींद<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
नींद से पागल जब होते है
खुद पर काबू खो देते है
गर्मी सर्दी चट्टानों को
अनदेखा फिर कर देते है,
एक उजाले दिन में भी
अँधियारा बन जाते है
आँखों की खुशियों पे ताले
बन कर खुद रह जाते है
दर्द भरे लम्हों में जब
आँखों में आंसू आते है
चुपके -चुपके ,धीरे-धीरे
नींदों में खो जाते है
कभी किसी के गम को काटे
कभी ख़ुशी बन जाते है
एक अकेले तन्हाई में
रिश्ता खूब निभाते है
नींदों का भी क्या कहना
जब चाहे आ जाते है
मतवाली आँखों में बेड़ी
जब चाहे दे जाते है।
मौर्या ज्ञानेश।।।।</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-74256590728370333162014-06-11T03:12:00.001-07:002014-06-11T03:12:09.494-07:00नींद<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
नींद से पागल जब होते है
खुद पर काबू खो देते है
गर्मी सर्दी चट्टानों को
अनदेखा फिर कर देते है,
एक उजाले दिन में भी
अँधियारा बन जाते है
आँखों की खुशियों पे ताले
बन कर खुद रह जाते है
दर्द भरे लम्हों में जब
आँखों में आंसू आते है
चुपके -चुपके ,धीरे-धीरे
नींदों में खो जाते है
कभी किसी के गम को काटे
कभी ख़ुशी बन जाते है
एक अकेले तन्हाई में
रिश्ता खूब निभाते है
नींदों का भी क्या कहना
जब चाहे आ जाते है
मतवाली आँखों में बेड़ी
जब चाहे दे जाते है।
मौर्या ज्ञानेश।।।।</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-76404013240255241892014-06-11T03:11:00.003-07:002014-06-11T03:11:48.024-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
नींद से पागल जब होते है
खुद पर काबू खो देते है
गर्मी सर्दी चट्टानों को
अनदेखा फिर कर देते है,
एक उजाले दिन में भी
अँधियारा बन जाते है
आँखों की खुशियों पे ताले
बन कर खुद रह जाते है
दर्द भरे लम्हों में जब
आँखों में आंसू आते है
चुपके -चुपके ,धीरे-धीरे
नींदों में खो जाते है
कभी किसी के गम को काटे
कभी ख़ुशी बन जाते है
एक अकेले तन्हाई में
रिश्ता खूब निभाते है
नींदों का भी क्या कहना
जब चाहे आ जाते है
मतवाली आँखों में बेड़ी
जब चाहे दे जाते है।
मौर्या ज्ञानेश।।।।</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-440525603958299092014-06-11T03:11:00.001-07:002014-06-11T03:11:14.994-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
नींद से पागल जब होते है
खुद पर काबू खो देते है
गर्मी सर्दी चट्टानों को
अनदेखा फिर कर देते है,
एक उजाले दिन में भी
अँधियारा बन जाते है
आँखों की खुशियों पे ताले
बन कर खुद रह जाते है
दर्द भरे लम्हों में जब
आँखों में आंसू आते है
चुपके -चुपके ,धीरे-धीरे
नींदों में खो जाते है
कभी किसी के गम को काटे
कभी ख़ुशी बन जाते है
एक अकेले तन्हाई में
रिश्ता खूब निभाते है
नींदों का भी क्या कहना
जब चाहे आ जाते है
मतवाली आँखों में बेड़ी
जब चाहे दे जाते है।
मौर्या ज्ञानेश।।।।</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-5034811239235089522014-05-18T03:21:00.001-07:002014-05-18T03:21:09.991-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
अगर दो कदम तुम मेरे साथ चलते
मुझे मेरी मंजिल मिल ही तो जाती ।
देते अगर तुम थोडा सा सहारा
मेरी जिंदगी यूं सवर ही तो जाती।
सफ़र में अगर तुम अपना बनाते
दिल को तसल्ली मिल ही तो जाती।
आती अगर तुझको मेरी याद एक पल
निदो में भी तुझसे मिल ही तो जाते।
अगर चाँद बन कर उजाला तुम करते
मेरी जिंदगी के सितारे चमकते ।
रहते अगर तुम मेरी धड़कनो में
बहारो में रंगत मिल ही जाती।
ना करते अगर तुम सितम मेरे दिल पर
तो मोहब्बत हमारी मिल ही तो जाती।
ज्ञानेश मौर्या’''''</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-39082269333067507342014-05-18T03:19:00.001-07:002014-05-18T03:19:29.802-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
अगर दो कदम तुम मेरे साथ चलते
मुझे मेरी मंजिल मिल ही तो जाती ।
देते अगर तुम थोडा सा सहारा
मेरी जिंदगी यूं सवर ही तो जाती।
सफ़र में अगर तुम अपना बनाते
दिल को तसल्ली मिल ही तो जाती।
आती अगर तुझको मेरी याद एक पल
निदो में भी तुझसे मिल ही तो जाते।
अगर चाँद बन कर उजाला तुम करते
मेरी जिंदगी के सितारे चमकते ।
रहते अगर तुम मेरी धड़कनो में
बहारो में रंगत मिल ही जाती।
ना करते अगर तुम सितम मेरे दिल पर
तो मोहब्बत हमारी मिल ही तो जाती।
ज्ञानेश मौर्या’''''</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-28371677332429190192014-04-21T20:03:00.001-07:002014-04-21T20:03:37.365-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
हमको किसी से कोई शिकवा नही रहा
किसी के किसी बात का कोई गिला नही रहा
ये तो वक्त का था असर जो जुबा फिसल गया
वर्ना मिरी फसाद का कोई मसला नही रहा।
.....
कोई आज मेरी बैचैनी को समझे
मेरे दिल की धड़कन को थोडा समझे
कैसी ये उलझन भरा मेरे मन में
मेरे पास आ कर जरा मुझको समझे
दिल की वो बातो को दिल से वो समझे
मेरी हर ख़ुशी को अपना वो समझ
रातो को नींदों और ख्वाबो में आये
मेरी जिंदगी को अपना वो समझे
आँखों की आंसू की कीमत को समझे
लवो की हंसी को अमानत वो समझे
पग पग वो चल कर मेरे साथ एक पल
मेरे इश्क की वो इनायत को समझे ।।।कोई आज मेरी बैचेनी को समझे।.....</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-53664281784854591102014-04-19T22:32:00.000-07:002014-04-19T22:32:52.875-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
gujare lamho ko chhodh kr..naya yehsas karne do..jindagi anmol h teri.ise tum pyar karne dona bandho kisi bandhan meise ashama me udane dofalk ke chand taro ko.thoda slam karne do.chura lo hasi chama ki .laga ke pankh bhavare ki.bane ke sej foolo kiise aaram karne do.....jindagi anmol h teri...ise tum pyar karne do...</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-70298458599482641342014-04-19T22:22:00.001-07:002014-04-19T22:22:09.069-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
माँ के आंचल में छुप करबचपन अपना खेला है।अंगुली पकड़ कर मैया कीपग पग चलना सिखा है।डाट पड़े जब मैया कीआँखों में आंसू आते थेरोते हुए तब मैया कीगोदी में सो जाते थे।भूख लगे जब मैया हमकोदूध पिलाने आती थीचन्दा माँ -माँ की लोरी तबमुझको खूब सुनाती थीजब मैं पढने जाने लगतागले मुझे लगाती थीबच्चो संग झगड़ो पर मुझकोखूब डाट पिलाती थीबड़ा हुआ जब मुड कर देखाबचपन पीछे छुट पडामाँ के हाथ का दूध का प्यालामहंगाई ने लूट लिया।।!!!! ज्ञानेश!!!!</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-67928743757887709742009-12-14T06:37:00.000-08:002014-04-19T22:15:02.374-07:00dosto kafi vakt ke bad aaj maine apane blog ...gyanesh-hamtum ko fir se chalane ke liye prerit hua hu ..mai kud se ye ummid karta hu ki .is bar aap sabhi logo ko kuchh achhi rachanaye de saku...<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="color: #3333ff;">सरकस की वो रात याद है </span><br />
<span style="color: #3333ff;">जिने पर की वो बात याद है । </span><br />
<span style="color: #3333ff;">साये तले नीले आसमा के </span><br />
<span style="color: #3333ff;">वो तेरी पहली मुलाकात याद है । </span><br />
<span style="color: #3333ff;">जब आए थे तुम मेरे शहर में </span><br />
<span style="color: #3333ff;">अनजान थे इन गलियों से </span><br />
<span style="color: #3333ff;">तब एक साथी की तलाश थी तुम्हे</span><br />
<span style="color: #3333ff;">मुझे वो तुम्हारी मुलाकात याद है । </span><br />
<span style="color: #3333ff;">जीने के लिए दो वक्त की रोटी </span><br />
<span style="color: #3333ff;">की दरकार थी तुम्हे </span><br />
<span style="color: #3333ff;">तब रोते हुए तेरे मासूम आँखों की </span><br />
<span style="color: #3333ff;">वो बात मुझे याद है । </span><br />
<span style="color: #3333ff;">जो चाहते थे किसी को अपना बनाना </span><br />
<span style="color: #3333ff;">तेरी आँखों की वो चाहत मुझे याद है </span><br />
<span style="color: #3333ff;">सरकस की वो बात मुझे याद है । </span><br />
<span style="color: #3333ff;">तेरे ऊपर थी दुनिया की नजर </span><br />
<span style="color: #3333ff;">लेकिन तेरी नजरो की सरारत मुझे याद है । </span><br />
<span style="color: #3333ff;">तू तो थी एकदम मासूम लेकिन </span><br />
<span style="color: #3333ff;">इन गलियों में तेरी बेवसी को</span><br />
<span style="color: #3333ff;">लुटते देखना मुझे याद है</span> ।..................</div>
ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-29505268436357500142009-12-08T07:45:00.000-08:002009-12-08T07:54:56.120-08:00वक्त बदला समय बदला लेकिन इसके बावजूद भी देश में नही बदली तो गरीबो की गरीबी इसके लिए कौन जिमेदार है सरकार या वो ख़ुद। लेकिन हमें तो नही लगता की देश के इन राजनीतिक चोरों से किसी गरीबो की भलाई हो सकती है । क्योंकि यह तो ख़ुद ही इतने बड़े गरीब बन बैठे है की उन्हें दूसरों का ख्याल ही नही है ।ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-80922111957633689882009-05-22T02:42:00.000-07:002009-05-22T03:13:47.857-07:00अपना रिश्ता<span style="color:#ff0000;">ये दोस्त का रिश्ता बड़ा ही प्यारा है ।</span><br /><span style="color:#ff0000;">जैसे खिला हुआ गुलिस्ता हमारा है </span><br /><span style="color:#ff0000;">महक फूलों की तरह </span><br /><span style="color:#ff0000;">चहक चिडियों की तरह </span><br /><span style="color:#ff0000;">गुजते गुंजन की तरह</span><br /><span style="color:#ff0000;">यह रिश्ता हमारा है </span><span style="color:#cc0000;">दोस्ती </span><div><div><span style="color:#cc0000;">। </span></div></div><br /><span style="color:#cc0000;">दोस्ती का रिश्ता बड़ा ही प्यारा है </span><br /><span style="color:#cc0000;">दुःख दर्द में भी साथ चलना </span><br /><span style="color:#cc0000;">गेरों के बिच में अपना बनाये रखना </span><br /><span style="color:#cc0000;">रखना विश्वाश मेरा , हमेसा अपने दिल में </span><br /><span style="color:#cc0000;">ग़मों के पतझड़ में ख़ुद को बनाये रखना </span><br /><span style="color:#cc0000;">रखना विश्वाश ख़ुद का ख़ुद को बनाये रखना </span><br /><span style="color:#cc0000;">अपना ये रिश्ता खुदा से भी प्यारा है ।</span><br /><span style="color:#cc0000;">दोस्ती का रिश्ता बड़ा ही प्यारा है </span><br /><span style="color:#cc0000;">आगन में साथ चलना </span><br /><span style="color:#cc0000;">राहों में साथ चलना </span><br /><span style="color:#cc0000;">जिन्दगी के सफर में भी साथ साथ चलना </span><br /><span style="color:#cc0000;">दूरियां बहुत हों पर दिल के पास रहना </span><br /><span style="color:#cc0000;">खुशियों से दामन ख़ुद का सजाये रखना </span><br /><span style="color:#cc0000;">हँसाना और मुस्कुराना और एक साथ रहना </span><br /><span style="color:#cc0000;">वादा हमेशा मुझसे बस इतना ही करना </span><br /><span style="color:#cc0000;">बस दोस्ती का रिश्ता अपना बनाये</span> <span style="color:#cc0000;">रखना </span>।ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-5986164629505282232009-05-20T22:02:00.000-07:002009-05-20T23:02:56.114-07:00वासना में bahte प्रेमी<p>मोहब्बत और जंग में सब कुछ जायज होता है । यह शब्द हर प्यार करने वाले के मुख सेसूनाजाता है लिकिन क्या हर प्रेमी येसा कर सकता है तो जबाब होगा नहीं क्यो की आज तो प्रेम का मतलब ही वासना शारीरिक भूखऔर आकर्षण है । हर कोई आपनी प्रेमिका के सामने लैला मजनू हीर राँझा और साथ ही साथ मीरा और कृष्ण की उचाई तक कूद को पहुचने की झूठी कोशिश करते है । लेलिन वासना की भूख मिटते ही व इस दुनिया के सामने मुँह चुरा कर चोरो की तरह भाग जाते है .और लुटी इज्जत के साथ व लड़की जो भावनावों में बह कर आपना सब कुछ गवां देतीहै अब वह ठोकरे या समाज के ताने सुनने पर मजबूर हो जाती है कभी कभी इस प्यार के जहासे में आकर वैश्य प्रब्रिती के दल दल में फस जाती है हर वर्ष कितनी आत्म हत्या और कितनी मर दी जाती है । </p><p>लेकिन इसके साथ साथ आज बदलते परिवेश में कुछ लड़कियां लड़कों को अपने झूठे प्यार में फसा कर उनके पैसे और शान शौकत का बखूबी मजा लोटती है वह अपनी शौक को पूरा करने ले लिए किसी के साथ किसी भी had तक ja सकती है .लेकिन आज भी koochh जो jamane से तंग आकर एक साथ कूद खुशी कर लेते है इनके सच्चे प्यार को मरने के bad भी मीडिया और समाज में badnami ही नसीब होता है । लेकिन प्रेम में koorban ये प्रेमी और प्रेमिका उन चोरो से अच्छे है जो joothe प्यार का dikhawa कर के hajaron मासूम की jindgi lotte है क्या वासना ही प्यार है दिल के रिश्ते की कोई ahmiyt nhin जिस देश में प्यार को पूजा का नाम दिया जाता है इसके bad भी लोग १४३ <span class="">के sidhe </span>rup में फस गए है तो आप ख़ुद ही समझ सकते है की की यह प्यार कितने दिनों तक चल सकता है ।<br /></p><p> </p>ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-13885426243343593042009-05-12T23:21:00.001-07:002009-05-12T23:43:24.963-07:00सवेरा<span style="color:#3333ff;">होत सवेरा सूरज उगता </span><br /><span style="color:#3333ff;">अँधेरा हो जाता दूर । </span><br /><span style="color:#3333ff;">चिडिया चहक -चहक कर जाती </span><br /><span style="color:#3333ff;">दाना चुगने कोंसो दूर ।</span><br /><span style="color:#3333ff;">सूरज की किरणे पड़ने पर </span><br /><span style="color:#3333ff;">जल में खिलते कमल के फूल । </span><br /><span style="color:#3333ff;">भोंरे फूलो के रस को ले कर </span><br /><span style="color:#3333ff;">उड़ जाते मस्त गगन में दूर ।</span><br /><span style="color:#3333ff;">फूलों की कलियों पर जाकर </span><br /><span style="color:#3333ff;">लेती मस्त सुगंदित मकरंद को चूस ।</span><br /><span style="color:#3333ff;"> पवन फूलों के इस सुगंध को </span><br /><span style="color:#3333ff;">विखेरता मस्त अम्बर में दूर सुदूर । </span><br /><span style="color:#3333ff;">हिम के आँचल से निकल कर </span><br /><span style="color:#3333ff;">नदियाँ बहती जाती दूर सुदूर ।</span><br /><span style="color:#3333ff;">झरनोंके झर झर गुंजन से </span><br /><span style="color:#3333ff;">तन मन जाए सिहर सिहर ।</span><br /><span style="color:#3333ff;">जीवन के इस कोमल पथ पर </span><br /><span style="color:#3333ff;">बदते जाओ बीर तुम दूर ।</span><br /><span style="color:#3333ff;"></span><br /><span style="color:#3333ff;"></span>ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-63795879106381769412009-04-21T04:25:00.000-07:002009-05-12T23:02:11.477-07:00aaj ke guru ji<span style="color:#ff0000;"><strong>और शिक्षा दोनों एक दुसरे से इस प्रकार से जुड़े है जिस प्रकार से आत्मा और शरीर इतना कोमल सम्बन्ध होते हुए भी शिक्षक और शिक्षा का अर्थ बदलता जा रहा है । शिक्षक आज शिक्षक नही रहे और शिक्षा का मतलब ज्ञान नही रहा इस बदलाव में बदलना स्वाभाविक है । यहीं कारन है की पैसे के लालच ने शिक्षक को भी b लालची दिया है । स्वार्थ ने आज के शिक्षक को हद तक गिरा कर रख दिया है । कालेजो, विद्यालयों <span class="">एवम </span>में <span class=""></span>आज शिक्षक केवल समय काटने के लिए <span class="">जाता </span>है। और जाने के बाद सिर्फ़ राजनीती करता है , वह भी बच्चो के उपर अध्यापको के उपर और लड़कियों के <span class="">ऊपर </span>आज के शिक्षक क्लास के बच्चो में फ़ुट डालो राज्य करो की <span class="">रणनीत </span>अपना लिया है , लेकिन इसके <span class="">साथ-</span>साथ लड़को की अपेक्षा लड़कियों से ज्यादा प्रभावित दीखता है ,यही karan है की ,शिष्या और गुरु जी के बीच प्रेम सम्बन्ध भी तेजी के साथ विकसित हुआ है , है नवयुवक शिक्षक लड़कियों की खूबसूरती में इतने kho gaye hai की, ये भी पूछने से नही हिचकते की तुम्हारी पसंद क्या है इससे भी बदतर स्थिति हो गई है की , छोटे-छोटे कामो के लिए लड़कियों को अपने पास बुला लेते है । </strong><br /></span><span style="color:#ff0000;"></span>ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-22750983206722968352009-04-05T03:55:00.000-07:002009-04-20T04:26:46.939-07:00ये बेटियाँ<span class="">ये </span>बेटियाँ तो चमन की फूल होती है<br />किसी की सर की ताज तो किसी के चरणों की <span class="">धूल </span><span class="">होती </span>हैं<br />खिलखिलाती इनकी बोली koyal ki kook hotin hai<br /><span class="">ना जाने क्यों फिर भी हर किसी के लिए शूल होती है </span><br /><span class="">मासूम फूलो की तरह कोमल चेहरा ,मोम की तरह कोमल <span class="">हिरदय </span>ब<span class="">र्फ </span>की तरह शीतल और झील जैसी </span><span class="">आखों के होते हुए भी ना जाने क्यो इन बेटियों को समाज पर बोझसमझा जाता है लड़को की <span class="">अपेक्षा </span>इन्हे जादा तवज्जो भी नही मिलता है और न ही स्वतंत्रता इसके बावजूद भ्रूण हत्या जैसे <span class="">भयानक </span>अपराध को भी आज <span class="">के </span>वर्तमान माँ -बाप ने अपना लिया है न इनको उचित शिक्षा<span class="">और </span>ना ही लड़को कीअपेक्षा उचित <span class="">भोजन </span>की ब्यवस्था होती <span class="">है। </span>उनकी आजादी पर बिल्कुल पाबंदी होती है जो कुछ बेटियाँ आजादी का अनुभव करती भी है तो उन्हें इस <span class="">क्रूर </span><span class="">समाजके हवश का </span>शिकार होना पड़ता है कितनी बेटियाँ हर साल इस समाज से तंग आकर आत्म हत्या करने पर मजबूर होती है । कितनो को मार दिया जाता है जिसमे हमारे </span>देश में एक लाख जनसख्या पर १०.६ % लोग मरते है लेकिन वहीं पर देश में हर एक घंटे में एक महिला को दहेज़ के लिए मार दिया जाता है .यदि इसी तरह चलता रहा तो एक दिनes इनका अस्तित्तव खतरे में पड़ जाएगा । यह समाज क्यो <span class="">नही </span>इस तरफ ध्यान दे रहा है ।<br /><br /><br /><br /><span class=""></span><br /><br /><p></p><br /><p></p><br /><p></p>ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-2099348424696224410.post-1717033216902398222009-04-04T01:57:00.000-07:002009-04-04T02:24:48.510-07:00कड़कती धुप और तेज तूफान के चलने से यह फूल जैसा चेहरा इस प्रकार से शुख जाता है कि मानो कोई खिला हुआ गुलाब को तोड़ कर फेक दिया हो जी हाँ यह गर्मी जो हर किसी को बेचैन कर देती उसके गले को सुखा देती हैतो उस समय याद आताहै कि पानी है तो जिंदगानी है । लेकिन इस जिंदगानी को जिस प्रकार से गन्दा किया जा रहा है यह देश के लिए ही नही हर व्यक्ति के लिए आभिश्राप बन कर सामने आ रहा है नदियों में बहता गंदा पानी,और भूमि का घटता जलअस्तर इस बात का सूचक है कि हम लोग ही इसकें जिम्मेदार है। इसी का नतीजा है की जहाँ देश पेट्रोल डीजल की समस्या से <span class="">जूझ </span>रहा है लेकीन अब पानी की समस्या भी एक बिकट रूप धारण कर किया है । अब पानी पेट्रोल<br />की तरह पैक कर के बेचा जा रहा है .इसके तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है । जहाँ सरकार तालाबो पोखरों<br />की सफाई करवा रही है वहीं लोग इसे प्रदूषित कर रहें है .इसके लिए जिम्मेदार कौन हम या सरकार .ज्ञानेश मौर्याhttp://www.blogger.com/profile/12521114054103107080noreply@blogger.com2