और शिक्षा दोनों एक दुसरे से इस प्रकार से जुड़े है जिस प्रकार से आत्मा और शरीर इतना कोमल सम्बन्ध होते हुए भी शिक्षक और शिक्षा का अर्थ बदलता जा रहा है । शिक्षक आज शिक्षक नही रहे और शिक्षा का मतलब ज्ञान नही रहा इस बदलाव में बदलना स्वाभाविक है । यहीं कारन है की पैसे के लालच ने शिक्षक को भी b लालची दिया है । स्वार्थ ने आज के शिक्षक को हद तक गिरा कर रख दिया है । कालेजो, विद्यालयों एवम में आज शिक्षक केवल समय काटने के लिए जाता है। और जाने के बाद सिर्फ़ राजनीती करता है , वह भी बच्चो के उपर अध्यापको के उपर और लड़कियों के ऊपर आज के शिक्षक क्लास के बच्चो में फ़ुट डालो राज्य करो की रणनीत अपना लिया है , लेकिन इसके साथ-साथ लड़को की अपेक्षा लड़कियों से ज्यादा प्रभावित दीखता है ,यही karan है की ,शिष्या और गुरु जी के बीच प्रेम सम्बन्ध भी तेजी के साथ विकसित हुआ है , है नवयुवक शिक्षक लड़कियों की खूबसूरती में इतने kho gaye hai की, ये भी पूछने से नही हिचकते की तुम्हारी पसंद क्या है इससे भी बदतर स्थिति हो गई है की , छोटे-छोटे कामो के लिए लड़कियों को अपने पास बुला लेते है ।
Tuesday, April 21, 2009
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Ho sakta hai aapka aise shikshko se vasta reha ho par mera to aise shikshko se kabhi pala nahi pada hai phir ye jaroori to nahi ki teacher ladkiyo ko unki khoobsoorati dekhne ke liye bulata hai. ho sakta hai kuch aise shikshak ho lekin kuch logo ki vajah se saari shikshak jaati ko katghare me khada kar dena sahi nahi hai.
ReplyDeleteaaj ke shikshak hi aise hai bhai .unko ye nahi pata ki hum ladkiyon ko padane ke liye aaye hai ya unko dekhne ke liye aaye hai.
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